हम उसके वो हमारा
हम उसके वो हमारा हमें तो प्रभु का सहारा है!
बाकी सब भरम का मुनारा है!
उलझी सी थी मैं !
मुझे तो ईश्वर ने सुलझाया है!
पांच चोरों की गिरफ्त में थी!
एक हरी के नाम ने उन्हें हराया है!
काफरों की करीन में थी !
मुझे तो गुरु नानक ने बचाया है!
Gursimrat Kaur
POETICS
Collection of poems in English and Punjabi